गणेश चतुर्थी 2025 इस बार पूरे भारत में खास उत्साह के साथ 27 अगस्त, बुधवार को मनाई जाएगी। सबसे पहले जान लें कि यह पर्व सिर्फ महाराष्ट्र या शहरी त्योहार नहीं, बल्कि अब गांव-शहर, उत्तर-दक्षिण, हर कोने में भक्ति, सजावट और सामूहिकता का प्रतीक है।
गणेश चतुर्थी इस साल क्या है नया?
शुद्ध मिट्टी की मूर्तियां: अब लोग प्लास्टर ऑफ पेरिस को छोड़कर इको-फ्रेंडली गणेश जी घर ला रहे हैं। इसका असर देखने को मिलेगा सोसायटी से लेकर बड़े-बड़े पंडालों तक।
डिजिटल वर्चुअल दर्शन: तकरीबन हर बड़ा मंडल फेसबुक-इंस्टाग्राम पर लाइव दर्शन दिखा रहा है, जिससे देश-विदेश के भक्त जुड़ पा रहे हैं। युवा शक्ति: पढ़ाई, काम और सोशल लाइफ के साथ अब युवा टीम बनाकर आयोजन, भजन-संध्या आदि में आगे हैं।
गणेश चतुर्थी पूजा का मुहूर्त और विशेष विधि
स्थापना का शुभ मुहूर्त: 27 अगस्त को सुबह 11:05 से 1:40 बजे तक
मुख्य पूजा सामग्री: दूर्वा, मोदक, सिंदूर, नारियल, लाल फूल, पंचामृत, दीपक
संक्षिप्त पूजा विधि: प्रतिमा स्थापित कर भगवान गणेश को जल से अभिषेक करें, चरण धोएं, फूल-दूर्वा चढ़ाएं, मोदक अर्पित करें और परिवार के साथ गजानन की आरती करें।
विसर्जन और नवाचार: गणेश विसर्जन की तिथि: 6 सितंबर 2025 (अनंत चतुर्दशी)
पानी की बर्बादी और प्रदूषण रोकने के लिए सोसाइटियों में बाल्टी या टैंक विसर्जन की ट्रेंड तेजी से बढ़ रही है। इससे “गणपति बाप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ!” का संदेश भी इको-फ्रेंडली बनता है।
गणेश चतुर्थी 2025 क्यों है यह त्योहार खास?
गणेश चतुर्थी सिर्फ बप्पा के जन्मदिन का उत्सव नहीं, बल्कि मिल-बांटकर जश्न मनाने, बच्चों-बुजुर्गों को जोड़ने, और पर्यावरण का सच्चा सम्मान करने का पर्व बन गया है।
यही वजह है कि छोटे गांवों से लेकर बड़े शहरों तक लोग अलग-अलग थीम, सजावट, प्रसाद और सोशल कैंपेन चला रहे हैं।





