Janmashtami 2025 कब है?

15 अगस्त रात 11:49 से 16 अगस्त रात 09:34 तक अष्टमी तिथि।

पूजन मुहूर्त और रोहिणी नक्षत्र

16 अगस्त, रात 12:09 से 12:54 तक निशीथ पूजन का समय।

व्रत का महत्व क्या है?

यह व्रत मोक्षदायक और पापों से मुक्ति दिलाने वाला माना गया है।

श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं

माखन चोरी से लेकर कालिया नाग मर्दन तक अद्भुत लीलाएं।

कैसे करें जन्माष्टमी पूजन?

लड्डू बनाये और गोपाल कृष्ण का अभिषेक करें, झूला सजाएं और आरती करें।

दही हांडी का उत्सव

युवाओं द्वारा बनाए गए पिरामिड से फोड़ी जाती है मटकी।

"जो भक्त मुझे याद करता है, मैं सदा उसके साथ हूँ।"

- श्रीकृष्ण -

इस जन्माष्टमी करें आत्मा का जागरण!

व्रत, पूजन और श्रीकृष्ण की कृपा के लिए निचे पूरा पढ़े...