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Vibhishan Krit Hanuman Stotra एक दिव्य स्तोत्र है, जिसे लंका के राजा विभीषण ने श्री हनुमान जी की महिमा से प्रभावित होकर रचा था। यह स्तोत्र न केवल हनुमान जी की शक्ति, भक्ति और साहस का गुणगान करता है, बल्कि उनके Rakshak (protector) और Sankatmochak (trouble remover) स्वरूप की भी स्तुति करता है।
रामायण के अनुसार, जब हनुमान जी ने लंका में श्रीराम का संदेश पहुंचाया और विभीषण को रावण की अधर्मपूर्ण नीतियों के विरुद्ध सतर्क किया, तब विभीषण ने हनुमान जी के तेजस्वी और दिव्य स्वरूप को देखकर उनकी आराधना में यह स्तोत्र समर्पित किया।
यह स्तोत्र Spiritual Power, मानसिक शांति, और संकट निवारण के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है। Daily Chanting of Vibhishan Krit Hanuman Stotra व्यक्ति को भय, शत्रु बाधा और मानसिक तनाव से मुक्त करता है।
Vibhishan Krit Hanuman Stotra क्या है?
Vibhishan Krit Hanuman Stotra वह स्तोत्र है जिसे लंका के धर्मनिष्ठ राक्षस Vibhishan, जिन्होंने श्रीराम की शरण ली थी, ने श्री हनुमान जी की भक्ति में लिखा था। यह स्तोत्र हनुमान जी के पराक्रम, भक्ति, विनम्रता और शुद्ध आचरण का वर्णन करता है।
जब हनुमान जी ने समुद्र पार कर लंका में प्रवेश किया और माता सीता से भेंट की, तब उन्होंने विभीषण के भीतर छिपे धर्म के प्रकाश को भी जागृत किया। विभीषण को यह अनुभव हुआ कि हनुमान जी केवल एक वानर योद्धा नहीं, बल्कि Divine Messenger of Lord Ram हैं।
इस स्तोत्र में विभीषण ने हनुमान जी को “Mahabali, Mahatejasvi, Mahabuddhi, और Bhaktavatsal” कहा है। स्तोत्र के प्रत्येक श्लोक में एक-एक विशेषता का वर्णन है जैसे उनकी अपार शक्ति, राक्षसों पर विजय, सीता माता के प्रति सम्मान, श्रीराम के प्रति भक्ति आदि।
यह स्तोत्र उन भक्तों के लिए एक अमोघ अस्त्र है जो जीवन की बाधाओं, भय और शत्रुता से जूझ रहे हैं। Vibhishan Krit Hanuman Stotra Benefits का अनुभव नियमित पाठ से महसूस किया जा सकता है।
Vibhishan Krit Hanuman Stotra in Hindi Lyrics – विभीषणकृत हनुमान स्तोत्र संपूर्ण हिंदी में
Vibhishan Krit Hanuman Stotram
नमो हनुमते तुभ्यं नमो मारुतसूनवे ।
नमः श्रीराम भक्ताय शयामास्याय च ते नमः।।
नमो वानर वीराय सुग्रीवसख्यकारिणे ।
लङ्काविदाहनार्थाय हेलासागरतारिणे ।।
सीताशोक विनाशाय राममुद्राधराय च ।
रावणान्त कुलचछेदकारिणे ते नमो नमः ।।
मेघनादमखध्वंसकारिणे ते नमो नमः ।
अशोकवनविध्वंस कारिणे भयहारिणे ।।
वायुपुत्राय वीराय आकाशोदरगामिने ।
वनपालशिरश् छेद लङ्काप्रसादभजिने ।।
ज्वलत्कनकवर्णाय दीर्घलाङ्गूलधारिणे ।
सौमित्रिजयदात्रे च रामदूताय ते नमः ।।
अक्षस्य वधकर्त्रे च ब्रह्म पाश निवारिणे ।
लक्ष्मणाङग्महाशक्ति घात क्षतविनाशिने ।।
रक्षोघ्नाय रिपुघ्नाय भूतघ्नाय च ते नमः ।
ऋक्षवानरवीरौघप्राणदाय नमो नमः ।।
परसैन्यबलघ्नाय शस्त्रास्त्रघ्नाय ते नमः ।
विषघ्नाय द्विषघ्नाय ज्वरघ्नाय च ते नमः ।।
महाभयरिपुघ्नाय भक्तत्राणैककारिणे ।
परप्रेरितमन्त्रणाम् यन्त्रणाम् स्तम्भकारिणे ।।
पयःपाषाणतरणकारणाय नमो नमः ।
बालार्कमण्डलग्रासकारिणे भवतारिणे ।।
नखायुधाय भीमाय दन्तायुधधराय च ।
रिपुमायाविनाशाय रामाज्ञालोकरक्षिणे ।।
प्रतिग्राम स्तिथतायाथ रक्षोभूतवधार्थीने ।
करालशैलशस्त्राय दुर्मशस्त्राय ते नमः ।।
बालैकब्रह्मचर्याय रुद्रमूर्ति धराय च ।
विहंगमाय सर्वाय वज्रदेहाय ते नमः ।।
कौपीनवासये तुभ्यं रामभक्तिरताय च ।
दक्षिणाशभास्कराय शतचन्द्रोदयात्मने ।।
कृत्याक्षतव्यधाघ्नाय सर्वकळेशहराय च ।
स्वाभ्याज्ञापार्थसंग्राम संख्ये संजयधारिणे ।।
भक्तान्तदिव्यवादेषु संग्रामे जयदायिने ।
किलकिलाबुबुकोच्चारघोर शब्दकराय च ।।
सर्पागि्नव्याधिसंस्तम्भकारिणे वनचारिणे ।
सदा वनफलाहार संतृप्ताय विशेषतः ।।
महार्णव शिलाबद्धसेतुबन्धाय ते नमः ।
वादे विवादे संग्रामे भये घोरे महावने ।।
सिंहव्याघ्रादिचौरेभ्यः स्तोत्र पाठाद भयं न हि ।
दिव्ये भूतभये व्याघौ विषे स्थावरजङ्गमे ।।
राजशस्त्रभये चोग्रे तथा ग्रहभयेषु च ।
जले सर्पे महावृष्टौ दुर्भिक्षे प्राणसम्प्लवे ।।
पठेत् स्तोत्रं प्रमुच्येत भयेभ्यः सर्वतो नरः ।
तस्य क्वापि भयं नास्ति हनुमत्स्तवपाठतः ।।
सर्वदा वै त्रिकालं च पठनीयमिदं स्तवं ।
सर्वान् कामानवाप्नोति नात्र कार्या विचारणा ।।
विभीषण कृतं स्तोत्रं ताक्ष्येर्ण समुदीरितम् ।
ये पठिष्यन्ति भक्तया वै सिद्धयस्तत्करे सि्थताः ।।
।। इति विभीषणकृत हनुमान स्तोत्र सम्पूर्णम् ।।
विभीषणकृत हनुमान स्तोत्र के लाभ ( Benefits of Vibhishan Krit Hanuman Stotra )
- Protection from Negative Energy: यह स्तोत्र नकारात्मक शक्तियों और भय से सुरक्षा प्रदान करता है।
- Shatru Nashak (Enemy Destruction): शत्रु बाधा, कोर्ट केस या अन्य दुश्मनी में विजय दिलाता है।
- Mental Strength & Focus: मानसिक स्थिरता, साहस और धैर्य में वृद्धि करता है।
- Spiritual Growth: आत्मिक शांति व भक्ति मार्ग पर अग्रसर करता है।
- Career & Obstacle Removal: कार्य में आने वाली रुकावटें दूर करता है, नौकरी, व्यापार में सफलता दिलाता है।
- Daily Sadhana Friendly: यह स्तोत्र 5 मिनट में पढ़ा जा सकता है, जिससे आप इसे अपनी daily spiritual routine में शामिल कर सकते हैं।
पाठ करते समय सावधानियाँ
- शुद्धता: पाठ करने से पहले स्नान करें और शांत व स्वच्छ स्थान पर बैठें।
- श्रद्धा और मनोयोग: हृदय से श्री हनुमान जी को स्मरण करें, मन कहीं और न भटके।
- Mobile/Social Distraction से बचें
- Regularity is Key: यदि आप इसका असर महसूस करना चाहते हैं, तो इसे नियमित रूप से पढ़ें।
- गलत उच्चारण से बचें: श्लोकों का सही उच्चारण आवश्यक है। जरूरत हो तो ऑडियो सुनकर सीखें।
निष्कर्ष (Conclusion)
Vibhishan Krit Hanuman Stotra न केवल एक स्तुति है, बल्कि यह एक Sankat Se Mukti Ka Stotra है। विभीषण जैसे धर्मप्रिय भक्त द्वारा रचित यह स्तोत्र हमें यह सिखाता है कि सच्ची श्रद्धा से भगवान तक पहुँचा जा सकता है, चाहे जीवन कितने ही संकटों से घिरा हो।
यदि आप जीवन में Mental Peace, Protection, और Spiritual Energy चाहते हैं, तो यह स्तोत्र आपके लिए एक दिव्य साधन बन सकता है। हनुमान जी की कृपा से हर बाधा दूर हो सकती है बस श्रद्धा, समर्पण और नियमितता चाहिए।
Jai Shri Ram! Jai Hanuman! 🚩
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