Shani Aarti हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। शनिदेव को न्याय के देवता कहा जाता है जो कर्म के अनुसार फल प्रदान करते हैं। शनिदेव की आराधना विशेषकर शनिवार को की जाती है ताकि उनकी कृपा बनी रहे और जीवन की बाधाएँ दूर हों।
श्री Shani Aarti का नियमित पाठ न केवल मानसिक शांति देता है बल्कि जीवन की कठिनाइयों को भी कम करता है। इस आरती में शनिदेव के दिव्य गुणों और उनकी शक्ति का गुणगान किया जाता है। यह आरती भक्तों को नकारात्मकता से बचाती है और जीवन में संतुलन लाती है। जो भी व्यक्ति सच्चे मन से Shani Dev Aarti करता है, उस पर शनिदेव की विशेष कृपा बनी रहती है।
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Shani Aarti का महत्व
Shani Dev Aarti केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि आत्मिक शुद्धि और चेतना का माध्यम है। शनिदेव को नवग्रहों में सबसे प्रभावशाली माना जाता है और वे सीधे-सीधे व्यक्ति के कर्मों से जुड़े होते हैं। उनकी कृपा मिल जाए तो जीवन में सफलता, समृद्धि और न्याय स्वतः प्राप्त होता है।
Shani Aarti को सुनने और गाने से मन में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है। विशेष रूप से शनिवार को किए गए इस पाठ से शनि की ढैय्या, साढ़े साती जैसी परेशानियाँ शांत हो जाती हैं। यह आरती उस व्यक्ति के लिए अमृत के समान है जो कठिन समय, नौकरी में बाधा, कोर्ट-कचहरी या मानसिक तनाव से जूझ रहा हो।
शनिदेव को लोहे, तेल, काले वस्त्र और न्यायप्रियता से विशेष प्रेम है। जब भक्त श्रद्धा के साथ Shani Dev की आरती करते हैं, तो शनिदेव अपने भक्तों को हर संकट से उबारते हैं। आजकल की व्यस्त जीवनशैली में, Shani Aarti in Hindi एक आध्यात्मिक ब्रेक की तरह है जो आत्मा को पुनः ऊर्जा से भर देती है।
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Shani Aarti Lyrics in Hindi – श्री शनिदेव आरती
जय जय श्री शनिदेव, भक्तन हितकारी।
सूरज के पुत्र प्रभु,छाया महतारी॥
॥ जय जय श्री शनिदेव.. ॥
श्याम अंग वक्र-दृष्टि, चतुर्भुजा धारी।
नीलाम्बर धर नाथ, गज की असवारी॥
॥जय जय श्री शनिदेव.. ॥
क्रीट मुकुट शीश रजित, दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले, शोभित बलिहारी॥
॥ जय जय श्री शनिदेव.. ॥
मोदक मिष्ठान पान, चढ़त हैं सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द, महिषी अति प्यारी॥
॥ जय जय श्री शनिदेव.. ॥
देव दनुज ऋषि मुनि, सुमरिन नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान, शरण हैं तुम्हारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव.. ॥
॥ श्री शनि आरती सम्पूर्णं ॥
Benefits of Shani Aarti – लाभ
- Mental Peace & Focus: Shani Aarti पढ़ने से मन शांत होता है और चिंता दूर होती है।
- Protection from Negative Energy: शत्रु बाधा, नजर दोष, और बुरी शक्तियों से रक्षा होती है।
- Relief from Shani Dasha/Sade Sati: शनिदोष या साढ़े साती से जुड़ी परेशानियाँ कम होती हैं।
- Career Stability: नौकरी या व्यापार में आ रही रुकावटें दूर होती हैं।
- Legal & Financial Help: कोर्ट केस, कर्ज या आर्थिक संकट में राहत मिलती है।
- Spiritual Growth: आत्मिक शुद्धि और उच्चतर चेतना का विकास होता है।
👉 ये सारे लाभ तभी मिलते हैं जब Shani Dev Aarti सच्ची श्रद्धा, संयम और नियमितता से की जाए।
Shani Aarti करते समय कुछ आवश्यक सावधानियाँ
- शनिवार को सूर्योदय या सूर्यास्त के समय आरती करें।
- आरती करते समय लोहे के दीपक में तिल का तेल जलाएं।
- काले वस्त्र पहनें, और मानसिक रूप से शांत रहें।
- आरती के दौरान किसी का अपमान या निंदा न करें शनि देव न्यायप्रिय हैं।
- शुद्धता और नियमों का पालन करें, विशेष रूप से मन और वाणी की शुद्धता।
- आरती से पहले हाथ-पैर धोकर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- मंदिर या घर में शांत वातावरण रखें और ध्यानपूर्वक पाठ करें।
निष्कर्ष (Conclusion)
Shani Aarti न केवल धार्मिक कर्मकांड है, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है जो जीवन में स्थिरता, सुरक्षा और आत्मिक विकास लाती है। शनिदेव भले ही न्याय के देवता हैं, लेकिन सच्चे मन से की गई प्रार्थना उन्हें प्रसन्न करती है। जो भक्त नियमित रूप से Shani Dev Aarti करता है, उसका जीवन धीरे-धीरे सकारात्मकता, समृद्धि और संतुलन की ओर बढ़ता है। जीवन में आने वाली बाधाएँ दूर होती हैं और आत्मबल मजबूत होता है।
यदि आप भी अपने जीवन में शांति, न्याय और सुरक्षा चाहते हैं, तो आज से ही श्रद्धा पूर्वक Shani Aarti का पाठ शुरू करें।
🔱 जय शनिदेव!