Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi | संपूर्ण पाठ हिंदी में

Hanuman Chalisa का सम्पूर्ण पाठ हिंदी में। यहाँ केवल शुद्ध दोहा और 40 चौपाइयाँ उपलब्ध हैं – बिना अर्थ या लाभ के, पाठ हेतु उपयुक्त।

यह लेख विशेष रूप से उन भक्तों के लिए प्रस्तुत किया गया है जो Hanuman Chalisa का संपूर्ण और शुद्ध पाठ केवल दोहा और चौपाइयों के रूप में पढ़ना चाहते हैं बिना किसी व्याख्या, अर्थ या लाभ के विवरण के। हनुमान चालीसा का नियमित पाठ भक्तों को मानसिक शांति प्रदान करता है, नकारात्मक विचारों और भय से मुक्ति दिलाता है, और जीवन में उत्साह, विश्वास तथा सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

भगवान हनुमान की स्तुति में रचा गया यह अमूल्य ग्रंथ तुलसीदास द्वारा लिखा गया एक दिव्य काव्य है, जो भक्ति, शक्ति और सेवा भावना का प्रतीक है। इसकी हर चौपाई में ऐसी शक्ति निहित है जो न केवल कठिन समय में सहारा देती है, बल्कि साधक को आत्मबल और साहस से भी भर देती है।

इस लेख में हम आपके लिए प्रस्तुत कर रहे हैं Hanuman Chalisa Full Path in Hindi, ठीक वैसे ही जैसे यह पारंपरिक शास्त्रीय विधि से प्रचलित है सरल, स्पष्ट और मूल रूप में। श्रद्धा और नियमपूर्वक इसका पाठ निश्चित ही भक्त को हनुमान जी की कृपा का अनुभव कराता है।

यह पढ़े: Hanuman Chalisa in Hindi – सम्पूर्ण पाठ, अर्थ, लाभ और पाठ विधि

हनुमान चालीसा पाठ (Hanuman Chalisa Full Path in Hindi)

दोहा

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मन मुकुर सुधारि।
बरनऊँ रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि॥

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार॥

चौपाइयाँ

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥

रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥

महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी॥

कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुंडल कुंचित केसा॥

यह पढ़े: Hanuman Chalisa ke Benefits – फायदे और सावधानियाँ

हाथ वज्र औ ध्वजा बिराजै।
काँधे मूँज जनेऊ साजै॥

शंकर सुवन केसरी नंदन।
तेज प्रताप महा जग वंदन॥

विद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर॥

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया॥

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
बिकट रूप धरि लंक जरावा॥

भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचन्द्र के काज सवारे॥

लाय सजीवन लखन जियाए।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाए॥

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई॥

यह पढ़े: Hanuman Chalisa Arth in Hindi – हर दोहे का भावार्थ

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं॥

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा॥

यम कुबेर दिगपाल जहाँ ते।
कवि कोबिद कहि सके कहाँ ते॥

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राजपद दीन्हा॥

तुम्हरो मंत्र विभीषन माना।
लंकेश्वर भए सब जग जाना॥

जुग सहस्र जोजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं॥

दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥

राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे॥

सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डरना॥

आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हाँक ते काँपै॥

यह पढ़े: Hanuman Chalisa Path ki Pooja Vidhi – कैसे करें सही पाठ

भूत पिशाच निकट नहिं आवै।
महावीर जब नाम सुनावै॥

नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा॥

संकट से हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम वचन ध्यान जो लावै॥

सब पर राम तपस्वी राजा।
तिन के काज सकल तुम साजा॥

और मनोरथ जो कोई लावै।
सोई अमित जीवन फल पावै॥

चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा॥

साधु संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे॥

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता॥

राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा॥

तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम जनम के दुख बिसरावै॥

अंत काल रघुबर पुर जाई।
जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई॥

और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेई सर्व सुख करई॥

संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥

यह पढ़े: Maruti Stotra – श्री हनुमान का दिव्य स्तोत्र

जय जय जय हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं॥

जो शत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होई॥

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा॥

तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा॥

Hanuman Chalisa का अंतिम दोहा

पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप॥

निष्कर्ष

Hanuman Chalisa का शुद्ध पाठ भावपूर्वक करने से भक्त को मानसिक शांति, संकट से मुक्ति और ईश्वर से जुड़ाव की अनुभूति होती है। यह लेख केवल पाठ करने वालों के लिए समर्पित है जो सादगी से Hanuman जी की भक्ति में लीन होना चाहते हैं।


यह भी पढ़े:

  1. हनुमान चालीसा का अर्थ – हर चौपाई का सरल भावार्थ
  2. हनुमान चालीसा के 11 लाभ और पाठ की सावधानियाँ
  3. हनुमान चालीसा पाठ की पूजा विधि
  4. मारुति स्तोत्र – संकटों से रक्षा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *