Baglamukhi Aarti एक ऐसा भारतीय धर्म-संस्कृति में देवी की आरती का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। विशेषकर जब बात माँ बगलामुखी की हो, तो आरती न केवल साधना का अंग बन जाती है, बल्कि यह साधक के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करती है। माँ बगलामुखी को शत्रु नाशिनी, स्तम्भन शक्ति की अधिष्ठात्री और तांत्रिक जगत की परम शक्ति माना गया है। उनकी आरती के माध्यम से हम न केवल उनका स्मरण करते हैं, बल्कि उन्हें ह्रदय से आमंत्रित कर अपने जीवन की नकारात्मकता को दूर करने की प्रार्थना करते हैं।
Baglamukhi Aarti एक ऐसा devotional practice है, जो साधक के मन, वचन और कर्म को शुद्ध करता है। यह आरती माँ के सौम्य और रौद्र दोनों रूपों की महिमा का गान करती है। जब भी कोई साधक भक्ति और श्रद्धा से यह आरती गाता है, तो माँ की कृपा उस पर बरसने लगती है।
इस ब्लॉग में हम जानेंगे Baglamukhi Aarti ka Mahatva, संपूर्ण आरती, आरती के लाभ, करने की विधि, कुछ आवश्यक सावधानियाँ |
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Baglamukhi Aarti ka Mahatva
Baglamukhi Aarti केवल एक स्तुति नहीं है, यह एक energy transmission है। जब आरती की जाती है, तो उसका कंपन वातावरण को पवित्र करता है और साधक को आत्मिक रूप से मजबूत बनाता है।
- यह आरती tantric energy activation में सहायक होती है।
- शत्रुओं की नकारात्मक सोच और बाधाएं इस आरती के प्रभाव से स्तम्भित हो जाती हैं।
- इससे साधक को inner confidence और mental clarity मिलती है।
- माँ बगलामुखी की आरती से जीवन में विजय, साहस और संरक्षण की अनुभूति होती है।
Baglamukhi Aarti (माँ बगलामुखी आरती मूल पाठ)
जय जय श्री बगलामुखी माता, आरती करहूँ तुम्हारी ||
जय जय श्री बगलामुखी माता, आरती करहूँ तुम्हारी ||
पीत वसन तन पर तव सोहै, कुण्डल की छबि न्यारी ||
कर कमलों में मुद्गर धारै, अस्तुति करहिं सकल नर नारी ||
जय जय श्री बगलामुखी माता ……
चम्पक माल गले लहरावे, सुर नर मुनि जय जयति उचारी ||
जय जय श्री बगलामुखी माता ……
त्रिविध ताप मिटि जात सकल सब, भक्ति सदा तव है सुखकारी ||
जय जय श्री बगलामुखी माता ……
पालन हरत सृजत तुम जग को, सब जीवन की हो रखवारी ||
जय जय श्री बगलामुखी माता ……
मोह निशा में भ्रमत सकल जन, करहु ह्रदय महँ, तुम उजियारी ||
जय जय श्री बगलामुखी माता ……
तिमिर नशावहू ज्ञान बढ़ावहु, अम्बे तुमही हो असुरारी ||
जय जय श्री बगलामुखी माता ……
सन्तन को सुख देत सदा ही, सब जन की तुम प्राण प्यारी ||
जय जय श्री बगलामुखी माता ……
तव चरणन जो ध्यान लगावै, ताको हो सब भव – भयहारी ||
जय जय श्री बगलामुखी माता ……
प्रेम सहित जो करहिं आरती, ते नर मोक्षधाम अधिकारी ||
जय जय श्री बगलामुखी माता ……
॥ माँ बगलामुखी आरती सम्पूर्णं ॥
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आरती के लाभ (Benefits of Baglamukhi Aarti)
Baglamukhi Aarti benefits न केवल आध्यात्मिक हैं, बल्कि मानसिक और भौतिक जीवन में भी स्पष्ट रूप से अनुभव किए जा सकते हैं:
- Negative energy से सुरक्षा
- Mantra siddhi की प्राप्ति में सहायक
- Mental shield against fear, stress, anxiety
- तांत्रिक साधनाओं में माँ की कृपा जल्दी प्राप्त होती है
- Daily practice से साधक की आत्मा प्रकाशित होती है
माता की आरती करते समय सावधानियाँ
- शुद्धता और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।
- पीले वस्त्र पहनकर करें, और पीले पुष्प व हल्दी का प्रयोग करें।
- Aarti करते समय मन पूरी तरह माँ पर केंद्रित रखें, मोबाइल/बातचीत से दूर रहें।
- यदि आप किसी विशेष साधना के दौरान आरती कर रहे हैं, तो गुरु के निर्देश का पालन करें।
- आरती को कभी अधूरा न छोड़ें, हमेशा पूरी श्रद्धा से संपूर्ण आरती करें।
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निष्कर्ष (Conclusion)
Baglamukhi Aarti एक आध्यात्मिक साधना है जो मन, आत्मा और जीवन तीनों को दिव्य स्पर्श प्रदान करती है। यह आरती माँ बगलामुखी की शक्ति, सौंदर्य और करुणा को अनुभव करने का सरल लेकिन प्रभावशाली माध्यम है। चाहे आप दैनिक पूजा कर रहे हों या विशेष साधना में रत हों, इस आरती का गायन आपके जीवन में शांति, साहस और विजय लाने वाला होगा।
🙏 माँ बगलामुखी की कृपा से आप सदैव सुरक्षित रहें और आपके जीवन में शक्ति, ज्ञान और स्थिरता बनी रहे।