Gayatri Aarti Full Hindi: Complete Shanti ka Anushthan | गायत्री आरती हिंदी में

Gayatri Aarti को 'वेदमाता' (वेदों की माता) और 'आदि शक्ति' (मूल ऊर्जा) कहा जाता है। Gayatri Mata जहाँ ज्ञान और बुद्धि के लिए एक 'powerful' आह्वान है

संध्या का समय, घर का मंदिर, जलता हुआ एक घी का दीपक और हवा में गूँजते “जयति जय “Gayatri Aarti” के स्वर। यह सिर्फ एक ‘ritual’ (अनुष्ठान) नहीं है, यह भारत की सबसे प्राचीन और शक्तिशाली प्रार्थनाओं में से एक का संगीतमय रूप है।

Gayatri Aarti को ‘वेदमाता’ (वेदों की माता) और ‘आदि शक्ति’ (मूल ऊर्जा) कहा जाता है। Gayatri Mata जहाँ ज्ञान और बुद्धि के लिए एक ‘powerful’ आह्वान है, वहीं Gayatri Mata उस ज्ञान को भक्ति और समर्पण के ‘भाव’ में डुबो देती है।

यह लेख केवल आरती के ‘lyrics’ नहीं बताएगा, बल्कि आपको हर पंक्ति के गहरे ‘spiritual meaning’ (आध्यात्मिक अर्थ) और उस ‘divine energy’ (दिव्य ऊर्जा) से जुड़ने की पूरी ‘vidhi’ (विधि) समझाएगा।

Gayatri Aarti Lyrics in Hindi (संपूर्ण आरती)

जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता ।
आदि शक्ति तुम, अलख निरञ्जन, जग पालन कर्त्री ।
दुःख शोक भय, क्लेश कलह, दारिद्र्य दैन्य हर्त्री ॥

ब्रह्म रूपिणी, प्रणतपालिनी, जगतधातृ अम्बे ।
भवभयहारी, जनहितकारी, सुखदा जगदम्बे ॥

भय हारिणी, भव तारिणी अनघे, अज आनन्द राशी ।
अविकारी, अघहरी, अविचलित, अमले, अविनाशी ॥

कामधेनु सतचित आनन्दा, जय गङ्गा गीता ।
सविता की शाश्वती शक्ति तुम, सावित्री सीता ॥

ऋग्, यजु, साम, अथर्व प्रणयिनी, प्रणव महामहिमे ।
कुण्डलिनी सहस्रार, सुषुम्ना शोभा गुण गरिमे ॥

स्वाहा, स्वधा, शची, ब्रह्माणी, राधा, रुद्राणी ।
जय सतरूपा वाणी, विद्या, कमला कल्याणी ॥

जननी हम हैं दीन हीन, दुःख दारिद के घेरे ।
यदपि कुटिल कपटी कपूत, तौ बालक हैं तेरे ॥

स्नेह सनी करुणामयि माता, चरण शरण दीजै ।
बिलख रहे हम शिशु सुत तेरे, दया दृष्टि कीजै ॥

काम क्रोध, मद लोभ दम्भ,दुर्भाव द्वेष हरिये ।
शुद्ध बुद्धि, निष्पाप हृदय, मन को पवित्र करिये ॥

तुम समर्थ सब भौति तारिणी, तुष्टि पुष्टि त्राता ।
सत मारग पर हमें चलाओ जो है सुखदाता ॥
जयति जय गायत्री माता । जयति जय गायत्री माता ॥

Gayatri Aarti Vidhi: Kaise Karein Yeh Divya Anushthan

आरती करने का एक ‘scientific’ और ‘spiritual reason’ होता है। यह ‘pancha-mahabhuta’ (5 तत्वों) को ‘balance’ करने का एक तरीका है।

  • शंख (Conch): शंख की ध्वनि ‘OM’ की ‘divine frequency’ को ‘activate’ करती है।
  • घंटी बजाते हुए, दीपक को ‘clockwise motion’ (घड़ी की दिशा में) घुमाएं।
  • पहले माता के ‘चरणों’ (feet) पर 4 बार, फिर ‘नाभि’ (navel) पर 2 बार, ‘मुख’ (face) पर 1 बार, और अंत में ‘सर्वांग’ (full body) पर 7 बार घुमाएं।
  • आरती गाते समय आपका पूरा ध्यान और ‘भाव’ माता के स्वरूप में होना चाहिए।
  • आरती समाप्त होने पर, दीपक को नीचे रखें।
  • अपने दोनों हाथों को ‘लौ’ (flame) के ऊपर से फेरें (आरती लें) और फिर अपनी आँखों और सिर पर स्पर्श करें। इसका ‘symbolic meaning’ है: “मैंने इस दिव्य ज्ञान के प्रकाश को अपनी दृष्टि और बुद्धि में धारण कर लिया है।”
  • इसके बाद ‘जल’ (जल पात्र से) लेकर आरती के दीपक के चारों ओर घुमाकर भूमि पर छोड़ दें।

Benefits of Gayatri Aarti: Iske Jaap ke Fayde

नियमित रूप से Gāyatrī Ārtī करने के ‘mental’ और ‘spiritual’ फायदे अद्भुत हैं:

  • Mental Clarity (मानसिक स्पष्टता): यह ‘confusion’ और ‘negative thoughts’ को दूर करती है और ‘decision making’ को ‘strong’ बनाती है।
  • Protection (सुरक्षा): “भय हारिणी” – यह आरती एक ‘divine shield’ (दिव्य कवच) की तरह काम करती है, जो आपको भय और ‘negativity’ से बचाती है।
  • Inner Peace (आंतरिक शांति): “क्लेश कलह… हर्त्री” – यह घर के ‘environment’ (वातावरण) को ‘positive’ और ‘peaceful’ (शांतिपूर्ण) बनाती है।
  • Intellect (बुद्धि): “शुद्ध बुद्धि” – यह ‘students’ और ज्ञान चाहने वालों के लिए ‘best’ है, क्योंकि यह सीधे आपकी ‘intellect’ (बुद्धि) को ‘purify’ करती है।
  • Spiritual Growth (आध्यात्मिक उन्नति): यह ‘Kundalini’ को ‘activate’ करने और ‘spiritual path’ पर आगे बढ़ने में मदद करती है।

Conclusion – शीर्षक

Gayatri Aarti सिर्फ एक ‘daily ritual’ नहीं है; यह एक ‘complete package’ है। यह ‘Aadi Shakti’ का आह्वान है, ‘Yoga’ का सार है, ‘Bhakti’ का समर्पण है, और ‘pure intellect’ (शुद्ध बुद्धि) के लिए एक ‘powerful prayer’ है।

जब आप अगली बार आरती करें, तो इन शब्दों को सिर्फ गाएं नहीं, बल्कि उनके ‘deep meaning’ को महसूस करें। आप पाएँगे कि यह आरती आपके ‘inner world’ (आंतरिक दुनिया) को ‘light’ (प्रकाश) से भर देगी।

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