Govatsa Dwadashi 2025: गौ माता की आराधना का पावन पर्व – तारीख, पूजा विधि, महत्व और व्रत कथा

इस Govatsa Dwadashi 2025 पर आप भी माँ नंदिनी की पूजा करें और जीवन में सुख-शांति का स्वागत करें।

Govatsa Dwadashi 2025 Date & Muhurat

🗓 तारीख: शुक्रवार, 17 अक्टूबर 2025
🕒 Pradoshkala Govatsa Dwadashi Muhurat: शाम 05:49 बजे से 08:20 बजे तक
अवधि: 2 घंटे 31 मिनट

📖 द्वादशी तिथि आरंभ: 17 अक्टूबर 2025 को सुबह 11:12 बजे
📖 द्वादशी तिथि समाप्त: 18 अक्टूबर 2025 को दोपहर 12:18 बजे

Govatsa Dwadashi क्या है? (What is Govatsa Dwadashi?)

Govatsa Dwadashi, जिसे Vasu Baras भी कहा जाता है, Dhanteras से एक दिन पहले मनाया जाता है। यह दिन गाय और बछड़ों (Cow & Calf) की पूजा का पर्व है। गाय को हिंदू धर्म में “माँ” का दर्जा दिया गया है — उसे ‘गौ माता’ कहा जाता है क्योंकि वह जीवनदायिनी और पोषण का स्रोत है।

इस दिन भक्त गौ माता और उसके बछड़े की पूजा करते हैं और उन्हें गेहूं के दाने, गुड़ और घास खिलाते हैं। यह त्योहार मातृत्व, प्रेम, और त्याग का प्रतीक माना जाता है।

Govatsa Dwadashi का धार्मिक महत्व (Spiritual Significance)

गौ माता को हिंदू धर्म में सभी देवताओं का निवास स्थान कहा गया है।
कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन गाय की सेवा करता है, उसे समृद्धि, संतान सुख और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

🕉 धार्मिक मान्यता:
माना जाता है कि माँ नंदिनी — जो कामधेनु गाय की पुत्री हैं — की पूजा करने से व्यक्ति के पाप नष्ट होते हैं और उसका जीवन शुभता से भर जाता है।
इसी कारण इसे नंदिनी व्रत (Nandini Vrat) भी कहा जाता है।

Govatsa Dwadashi Puja Vidhi (पूजा विधि स्टेप-बाय-स्टेप)

1️⃣ सुबह की तैयारी

  • प्रातः स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें।
  • पूजा स्थल को साफ करें और गौ माता की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।

2️⃣ पूजन सामग्री

  • लाल कपड़ा, हल्दी, रोली, चावल
  • दीया, धूप, कपूर, गुड़, गेहूं, घास, और दूध
  • आरती की थाली और पुष्पमाला

3️⃣ गौ पूजा विधि

  • सबसे पहले गाय और बछड़े के पैर धोएं।
  • उनके माथे पर हल्दी और चावल से तिलक लगाएं।
  • घास, गुड़ और गेहूं का भोग लगाएं।
  • ॐ गौमते नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • दीया जलाकर आरती करें।

4️⃣ व्रत नियम

  • इस दिन दूध और गेहूं से बने पदार्थ नहीं खाते।
  • फलाहार या केवल जल ग्रहण करते हैं।
  • शाम के समय गौ माता की आरती करके व्रत समाप्त किया जाता है।

Govatsa Dwadashi Vrat Katha (व्रत कथा)

प्राचीन कथा के अनुसार, एक बार राजा वसु ने अपने राज्य में गौहत्या को रोका और गायों की सेवा को धर्म का सर्वोच्च कर्म बताया।
उनकी इस भावना से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि इस तिथि को जो भी गौ पूजा करेगा, उसे अक्षय पुण्य और संतति सुख प्राप्त होगा।

एक अन्य कथा में कहा गया है कि देवर्षि नारद ने माता नंदिनी की स्तुति की थी, जिससे उनके सभी पाप नष्ट हो गए और उन्हें दिव्य ज्ञान की प्राप्ति हुई।

Govatsa Dwadashi और Diwali का संबंध

Govatsa Dwadashi Diwali की शुरुआत का प्रथम पर्व माना जाता है।
यह त्योहार घर में सकारात्मक ऊर्जा और शुद्धता लाने का प्रतीक है।
गौ माता की पूजा के बाद से ही लोग धनतेरस, नरक चतुर्दशी और दीपावली की तैयारियाँ आरंभ करते हैं।

इस दिन घर की महिलाएँ गौ माता की आरती करती हैं और संतान सुख की कामना करती हैं।

Do’s & Don’ts on Govatsa Dwadashi

✅ क्या करें:

  • गौ माता की पूजा और सेवा करें
  • जरूरतमंदों को भोजन या वस्त्र दान करें
  • परिवार के साथ दीप जलाकर आरती करें

🚫 क्या न करें:

  • दूध, दही, घी या गेहूं का सेवन न करें
  • किसी जीव या पशु को हानि न पहुँचाएं
  • नकारात्मक विचारों से बचें

Mantra & Aarti for Govatsa Dwadashi

🕉 मंत्र:

“ॐ सर्वमङ्गल्ये माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरे नारायणि नमोऽस्तुते॥”

🌺 गौ माता की आरती:

जय गौ माता जय गौ माता,
धर्म की तू है आधार।
तेरा रूप अमोघ अनूपम,
कर दे सबका उद्धार॥

Govatsa Dwadashi के लाभ (Benefits of Worshipping Cow)

1️⃣ संतान सुख की प्राप्ति:
निःसंतान दंपत्ति यदि इस दिन सच्चे मन से गौ पूजा करें तो संतान की प्राप्ति होती है।

2️⃣ सुख-समृद्धि:
घर में लक्ष्मी का वास होता है और धन के मार्ग खुलते हैं।

3️⃣ पापों का नाश:
गौ माता को भोजन कराने से पिछले जन्मों के पाप नष्ट होते हैं।

4️⃣ स्वास्थ्य लाभ:
गौ सेवा से मानसिक शांति और स्वास्थ्य में सुधार होता है।

Conclusion

Govatsa Dwadashi 2025 केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि यह गौ माता की करुणा, मातृत्व और पवित्रता का उत्सव है। इस दिन की पूजा से मन, वचन और कर्म की शुद्धि होती है और जीवन में नई ऊर्जा आती है।

“जहाँ गौ माता की पूजा होती है, वहाँ लक्ष्मी और शांति दोनों का निवास होता है।”

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