Hanuman Bhujanga Stotram in Hindi Lyrics – श्री हनुमत् भुजङ्ग स्तोत्रम् हिंदी में

Hanuman Bhujanga Stotram एक अत्यंत प्रभावशाली और दुर्लभ स्तोत्र है, जिसे भगवान हनुमान जी की अद्भुत शक्ति, भक्ति और विनम्रता को समर्पित किया गया है। यह स्तोत्र संस्कृत में रचा गया है और इसमें भुजंग-प्रयात छंद (Bhujanga Meter) का उपयोग हुआ है, जो इसकी लय और उच्चारण को अत्यंत प्रभावशाली बनाता है।

इसका पाठ करने से न केवल मन को शांति मिलती है, बल्कि जीवन में चल रही बाधाएं, शत्रु बाधा, मानसिक तनाव और आध्यात्मिक अवरोध भी दूर हो जाते हैं। Hanuman Bhujanga Stotram in Hindi वह अंग्रेज़ी दोनों में पढ़ा जाता है, विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को इसका पाठ अत्यधिक फलदायी माना गया है।

यदि आप हनुमान जी की कृपा पाना चाहते हैं, तो यह स्तोत्र आपके लिए एक दिव्य साधना मार्ग बन सकता है।

Hanuman Bhujanga Stotram क्या है?

Hanuman Bhujanga Stotram एक पौराणिक स्तोत्र है जो भुजंग छंद में लिखा गया है। “भुजंग” का अर्थ होता है साँप की गति लहराती हुई ध्वनि। इसी प्रकार यह स्तोत्र भी लयबद्ध और गेय होता है। इस स्तोत्र में भगवान हनुमान जी के शक्तिशाली रूप, उनके अद्वितीय पराक्रम और उनके श्रीराम के प्रति भक्ति भाव का अत्यंत प्रभावशाली वर्णन किया गया है।

यह स्तोत्र विशेष रूप से उन भक्तों के लिए है जो जीवन में साहस, सुरक्षा, और आध्यात्मिक उन्नति चाहते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस स्तोत्र का नित्य पाठ करने से evil energies, negative thoughts, black magic, और mental stress से मुक्ति मिलती है।

Hanuman Bhujanga Stotram lyrics कई भाषाओं में उपलब्ध हैं, लेकिन संस्कृत व हिंदी पाठ का विशेष महत्व माना गया है। यह स्तोत्र, न केवल एक मंत्र-साधना है, बल्कि यह मन को स्थिर करने और हनुमान जी के चरणों में आत्मसमर्पण की प्रक्रिया है।

Hanuman Bhujanga Stotram in Hindi Lyrics – श्री हनुमत् भुजङ्ग स्तोत्रम्

स्फुरद्विद्‌युदुल्लासवालाग्रघण्टा-
झणत्कारनादप्रवृद्धाट्टहासम् ।
भजे वायुसूनुं भजे रामदूतं भजे
वज्रदेहं भजे भक्तबन्धुम् ॥ १ ॥

प्रपन्नानुरागं प्रभाकाञ्चनाङ्गं
जगद्गीतशौर्यं तुषाराद्रिशौर्यम् ।
तृणीभूतहेतिं रणोद्यद्विभूतिं भजे
वायुपुत्रं पवित्रात् पवित्रम् ॥ २ ॥

भजे रामरम्भावनीनित्यवासं भजे
बालभानुप्रभाचारुहासम् ।
भजे चन्द्रिकाकुन्दमन्दारभासं भजे
सन्ततं रामभूपालदासम् ॥ ३ ॥

भजे लक्ष्मणप्राणरक्षातिदक्षं भजे
तोषितानेकगीर्वाणपक्षम् ।
भजे घोरसंग्रामसीमाहताक्षं भजे
रामनामातिसंप्राप्तरक्षम् ॥ ४ ॥

मृगाधीशनाथं क्षितिक्षिप्तपादं
घनाक्रान्तजङ्घं कटिस्थोडुसङ्घम् ।
वियद्व्याप्तकेशं भुजाश्लेषिताशं
जयश्रीसमेतं भजे रामदूतम् ॥ ५ ॥

चलद्वालघातभ्रमच्चक्रवालं
कठोराट्टहासप्रभिन्नाब्धिकाण्डम् ।
महासिंहनादाद्विशीर्णत्रिलोकं भजे
चाञ्जनेयं प्रभुं वज्रकायम् ॥ ६ ॥

रणे भीषणे मेघनादे सनादे
सरोषं समारोप्यसौमित्रिमंसे ।
घनानां खगानां सुराणां च मार्गे
नटन्तं ज्वलन्तं हनूमन्तमीडे ॥ ७ ॥

नखध्वस्तजंभारिदम्भोलिधारं
भुजाग्रेण निर्धूतकालोग्रदण्डम् ।
पदाघातभीताहिजाताऽधिवासं
रणक्षोणिदक्षं भजे पिङ्गलाक्षम् ॥ ८ ॥

महाभूतपीडां महोत्पातपीडां
महाव्याधिपीडां महाधिप्रपीडाम् ।
हरत्याशु ते पादपद्मानुरक्तिः
नमस्ते कपिश्रेष्ठ रामप्रियाय ॥ ९ ॥

सुधासिन्धुमुल्लङ्घ्य सान्द्रे निशीथे
सुधा चौषधीस्ताः प्रगुप्तप्रभावाः ।
क्षणे द्रोणशैलस्य पृष्ठे प्ररूढाः त्वया
वायुसूनो किलानीय दत्ताः ॥ १० ॥

समुद्रं तरङ्गादिरौद्रं विनिद्रो
विलङ्घ्योडुसङ्घं स्तुतो मर्त्यसंघैः ।
निरातङ्कमाविश्य लङ्कां विशङ्को
भवानेव सीतावियोगापहारी ॥ ११ ॥

नमस्ते महासत्वबाहाय नित्यं
नमस्ते महावज्रदेहाय तुभ्यम् ।
नमस्ते पराभूतसूर्याय तुभ्यं नमस्ते
कृतामर्त्यकार्याय तुभ्यम् ॥ १२ ॥

नमस्ते सदा ब्रह्मचर्याय तुभ्यं
नमस्ते सदा वायुपुत्राय तुभ्यम् ।
नमस्ते सदा पिङ्गलाक्षाय तुभ्यं
नमस्ते सदा रामभक्ताय तुभ्यम् ॥ १३ ॥

हनूमत्भुजङ्गप्रयातं प्रभाते
प्रदोषे दिवा चार्द्धरात्रेऽपि मर्त्यः ।
पठन् भक्तियुक्तः प्रमुक्ताघजालः
नराः सर्वदा रामभक्तिं प्रयान्ति ॥ १४ ॥

॥ इति श्री हनुमत् भुजङ्ग स्तोत्रम् सम्पूर्णम् ॥

Hanuman Bhujanga Stotram Benefits – पाठ के लाभ

  • Mental Peace और emotional balance मिलता है।
  • नकारात्मक ऊर्जा, भय, भ्रम और क्रोध दूर होते हैं।
  • शत्रु बाधा, कोर्ट केस, और अकस्मात संकटों में रक्षा करता है।
  • हनुमान जी की कृपा से जीवन में साहस, शक्ति और भक्ति बढ़ती है।
  • यह स्तोत्र नियमित जपने से spiritual protection shield बनता है।
  • रात में बुरे स्वप्न या अनिद्रा हो तो यह स्तोत्र अत्यंत लाभदायक है।
  • यह जीवन के हर मोड़ पर confidence और clarity लाता है।

पाठ करते समय सावधानियाँ

  • पाठ करते समय स्थान शांत, पवित्र और व्यवस्थित हो।
  • स्तोत्र का उच्चारण स्पष्ट और सही विधि से करें।
  • कभी भी बिना स्नान या अनुशासनहीन स्थिति में पाठ न करें।
  • निष्काम भाव से करें, फल की चिंता न करें।
  • मंगलवार, शनिवार, या संकट काल में विशेष रूप से लाभकारी है।
  • अगर स्तोत्र याद नहीं है, तो Hanuman Bhujanga Stotram PDF का प्रयोग करें पर श्रद्धा बनाए रखें।

निष्कर्ष

Hanuman Bhujanga Stotram न केवल एक स्तुति है, बल्कि यह एक साधना, एक शक्ति-स्रोत है। यह हमें हनुमान जी की भक्ति में डुबोता है और जीवन की हर बाधा से लड़ने की प्रेरणा देता है। आज के समय में जहाँ मानसिक अशांति और नकारात्मकता हावी है, वहाँ इस स्तोत्र का नियमित पाठ आपके लिए एक आध्यात्मिक कवच बन सकता है।

हनुमान जी की कृपा पाने का सबसे सरल और प्रभावशाली उपाय Hanuman Bhujanga Stotram का नित्य पाठ।

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