Hanuman Tandav Stotram in Hindi Lyrics | श्री हनुमान तांडव स्तोत्र हिंदी में संपूर्ण पाठ

Hanuman Tandav Stotram एक अत्यंत शक्तिशाली और ऊर्जावान स्तोत्र है, जो भगवान हनुमान जी के तांडव रूप की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र न केवल भक्ति की चरम सीमा को दर्शाता है, बल्कि साहस, बल, और निर्भयता का भी प्रतीक है। इसका पाठ करते समय साधक को ऐसा अनुभव होता है मानो स्वयं बजरंगबली उसकी रक्षा कर रहे हों।

हनुमान जी को संकटमोचक, वीरता और शक्ति के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। जब उनका तांडव रूप सामने आता है, तो सारी नकारात्मक शक्तियाँ भयभीत हो जाती हैं। इसी भावना को दर्शाता है Hanuman Tandav Stotram। यह स्तोत्र नियमित रूप से पढ़ने से आत्मबल बढ़ता है, मानसिक स्पष्टता आती है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।

यदि आप शक्ति, समर्पण और आत्मविश्वास की तलाश में हैं, तो यह स्तोत्र आपके लिए अत्यंत उपयोगी है।

Hanuman Tandav Stotram क्या है?

Hanuman Tandav Stotram भगवान हनुमान जी के उस अद्भुत रूप की स्तुति है जिसमें वे अपने परम शक्तिशाली, तांडवमय स्वरूप में प्रकट होते हैं। यह स्तोत्र उनके तेज, बल, भक्ति, और भगवान श्रीराम के प्रति अटूट समर्पण को समर्पित है। “Tandav” शब्द ही इस बात को दर्शाता है कि यह स्तोत्र ऊर्जा और गति से भरपूर है।

इस स्तोत्र की उत्पत्ति प्राचीन ग्रंथों में बताई गई है, और ऐसा माना जाता है कि इसका उच्चारण करते ही वातावरण में विशेष प्रकार की दिव्य ऊर्जा का संचार होता है। कई साधक इसे हनुमान जी के अघटनीय चमत्कारों से जोड़ते हैं। यह स्तोत्र उनकी लीलाओं, राक्षसों के संहार, और धर्म की रक्षा में उनके योगदान को काव्यात्मक शैली में प्रस्तुत करता है।

Hanuman Tandav Stotram का पाठ न केवल आध्यात्मिक अनुभव देता है, बल्कि साधक को साहस, शक्ति और आत्मविश्वास से भी भर देता है। इसके प्रभाव से शत्रु भयभीत होते हैं और साधक का मन शांत होता है। यह स्तोत्र उन भक्तों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जो किसी भी प्रकार के मानसिक, शारीरिक या आध्यात्मिक बंधन से मुक्ति चाहते हैं।

Hanuman Tandav Stotram in Hindi – श्री हनुमत तांडव स्तोत्रम्

श्री हनुमान तांडव स्तोत्रम् हिंदी में संपूर्ण पाठ

वन्दे सिन्दूरवर्णाभं लोहिताम्बरभूषितम् ।
रक्ताङ्गरागशोभाढ्यं शोणापुच्छं कपीश्वरम् ॥

भजे समीरनन्दनं, सुभक्तचित्तरञ्जनं,
दिनेशरूपभक्षकं, समस्तभक्तरक्षकम् ।
सुकण्ठकार्यसाधकं, विपक्षपक्षबाधकं,
समुद्रपारगामिनं, नमामि सिद्धकामिनम् ॥ १ ॥

सुशङ्कितं सुकण्ठभुक्तवान् हि यो हितं
वचस्त्वमाशु धैर्य्यमाश्रयात्र वो भयं कदापि न ।
इति प्लवङ्गनाथभाषितं निशम्य वानराऽधिनाथ
आप शं तदा, स रामदूत आश्रयः ॥ २ ॥

सुदीर्घबाहुलोचनेन, पुच्छगुच्छशोभिना,
भुजद्वयेन सोदरीं निजांसयुग्ममास्थितौ ।
कृतौ हि कोसलाधिपौ, कपीशराजसन्निधौ,
विदहजेशलक्ष्मणौ, स मे शिवं करोत्वरम् ॥ ३ ॥

सुशब्दशास्त्रपारगं, विलोक्य रामचन्द्रमाः,
कपीश नाथसेवकं, समस्तनीतिमार्गगम् ।
प्रशस्य लक्ष्मणं प्रति, प्रलम्बबाहुभूषितः
कपीन्द्रसख्यमाकरोत्, स्वकार्यसाधकः प्रभुः ॥ ४ ॥

प्रचण्डवेगधारिणं, नगेन्द्रगर्वहारिणं,
फणीशमातृगर्वहृद्दृशास्यवासनाशकृत् ।
विभीषणेन सख्यकृद्विदेह जातितापहृत्,
सुकण्ठकार्यसाधकं, नमामि यातुधतकम् ॥ ५ ॥

नमामि पुष्पमौलिनं, सुवर्णवर्णधारिणं
गदायुधेन भूषितं, किरीटकुण्डलान्वितम् ।
सुपुच्छगुच्छतुच्छलङ्कदाहकं सुनायकं
विपक्षपक्षराक्षसेन्द्र-सर्ववंशनाशकम् ॥ ६ ॥

रघूत्तमस्य सेवकं नमामि लक्ष्मणप्रियं
दिनेशवंशभूषणस्य मुद्रीकाप्रदर्शकम् ।
विदेहजातिशोकतापहारिणम् प्रहारिणम्
सुसूक्ष्मरूपधारिणं नमामि दीर्घरूपिणम् ॥ ७ ॥

नभस्वदात्मजेन भास्वता त्वया कृता
महासहा यता यया द्वयोर्हितं ह्यभूत्स्वकृत्यतः ।
सुकण्ठ आप तारकां रघूत्तमो विदेहजां
निपात्य वालिनं प्रभुस्ततो दशाननं खलम् ॥ ८ ॥

इमं स्तवं कुजेऽह्नि यः पठेत्सुचेतसा नरः
कपीशनाथसेवको भुनक्तिसर्वसम्पदः ।
प्लवङ्गराजसत्कृपाकताक्षभाजनस्सदा न
शत्रुतो भयं भवेत्कदापि तस्य नुस्त्विह ॥ ९ ॥

नेत्राङ्गनन्दधरणीवत्सरेऽनङ्गवासरे ।
लोकेश्वराख्यभट्टेन हनुमत्ताण्डवं कृतम् ॥ १० ॥

॥ इति श्री हनुमत तांडव स्तोत्र सम्पूर्णम् ॥

Hanuman Tandav Stotram Benefits ( पाठ के लाभ )

  1. Inner Strength & Courage: इसका नियमित पाठ साधक को मानसिक रूप से मजबूत बनाता है।
  2. Mind Clarity & Focus: विचारों की स्थिरता आती है और निर्णय शक्ति मजबूत होती है।
  3. Negative Energy Removal: Hanuman Tandav Stotram का जप वातावरण की नकारात्मक ऊर्जा को हटाता है।
  4. Legal/Enemy Protection: यह स्तोत्र शत्रु बाधा और कोर्ट केस जैसे मामलों में चमत्कारी लाभ देता है।
  5. Spiritual Growth: साधक के अंदर भक्ति, विश्वास और संयम बढ़ता है।

पाठ करते समय सावधानियाँ

  • स्तोत्र का उच्चारण स्पष्ट और श्रद्धा के साथ करें।
  • पाठ के समय स्थान स्वच्छ और शांत होना चाहिए।
  • किसी नकारात्मक उद्देश्य से इसका उपयोग न करें, यह पूर्णतः श्रद्धा पर आधारित है।
  • Hanuman Tandav Stotram का पाठ अपवित्र अवस्था में न करें (जैसे अशुद्ध शरीर या भोजन के तुरंत बाद)।
  • मंगलवार, शनिवार या अमावस्या तिथि को इसका पाठ विशेष फलदायी माना जाता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

Hanuman Tandav Stotram केवल एक स्तोत्र नहीं है, यह एक आध्यात्मिक शक्ति स्रोत है। इसका हर श्लोक साधक को बल, बुद्धि, भक्ति और निर्भयता से जोड़ता है। यदि आप अपने जीवन में साहस, ऊर्जा और भगवान श्रीराम के प्रति अटूट भक्ति चाहते हैं, तो इस स्तोत्र को अपने जीवन का हिस्सा बनाइए।

Tandav का अर्थ केवल नृत्य नहीं, बल्कि जीवन के संकटों को समाप्त करने की एक दिव्य प्रक्रिया है। हनुमान जी के तांडव स्तोत्र से जुड़ना, स्वयं से जुड़ना है और अंततः ईश्वर से भी।


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