क्या है इस व्रत का महत्व और कब है तिथि?
14 अगस्त 2025 (गुरुवार) श्रावण मास, शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि
इस दिन महिलाएं अगले दिन की शीतला सप्तमी के लिए शुद्ध भोजन बनाती हैं।
मिट्टी के चूल्हे पर पकाया जाता है भोजन। खाना बिना नमक और प्याज-लहसुन के होता है।
सुबह 4:30 AM से 8:30 AM तक इस समय रसोई में शुद्धता के साथ भोजन तैयार करना सर्वोत्तम माना जाता है।
मान्यता है कि इस दिन शुद्ध भोजन बनाने से घर में सुख-शांति आती है और संतान सुख प्राप्त होता है।
रंधन छठ के अगले दिन होता है शीतला सप्तमी
प्रसाद में बनते हैं: – खीर – पूड़ी – बेसन लड्डू – लौकी की सब्ज़ी
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